चांपा रेलवे स्टेशन में लगभग 18 आरपीएफ स्टाफ, 9 जीआरपी स्टाफ, आधी अधूरी व्यवस्था में कैसे हो मानिटरिंग,

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चांपा। नगर का सबसे व्यस्ततम रेलवे जंक्शन जहां से लगभग हर तरफ की लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव होता है। लेकिन इस स्टेशन में आए दिन यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेलवे आरपीएफ स्टाफ की कमी के चलते चांपा रेलवे स्टेशन में आए दिन कोई ना कोई समस्या खड़ी हो जाती है। रात के समय सिर्फ एक आरपीएफ कर्मचारी के भरोसे पूरे स्टेशन का जिम्मा रहता है। इतने बड़े और व्यस्त स्टेशन में कई यात्री रात के समय अपने गंतव्य तक जाने के लिए ट्रेनों का इंतजार करते रहते हैं लेकिन उनकी सुरक्षा का जिम्मा भगवान भरोसे खड़े हो जाता है। वहीं रात के समय स्टेशन पहुंचने पर कोई भी आरपीएफ का कर्मचारी नजर नहीं आता। प्लेटफार्म में घुमते कभी कभार कोई कर्मचारी नजर आ जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। वहीं उच्च अधिकारी की बात करें तो उनका मानना है कि हर समय आरपीएफ के कर्मचारी स्टेशन में मौजूद रहते हैं। वहीं दूसरी ओर जीआरपी की बात करें तो रामराज का पूरा मजा तो जीआरपी कर्मचारी ही ले रहे हैं। वो कहते हैं ना कि पूरा हाथ घी में और सर कढ़ाई यह कहावत चांपा जीआरपी कर्मचारियों पर सटिक बैठता है। जीआरपी में अमूमन 9 स्टाफ चांपा रेलवे स्टेशन में कार्यरत हैं लेकिन उनकी ड्यूटी भगवान भरोसे है। रेलवे स्टेशन चांपा में जीआरपी का कर्मचारी अगर काम करते दिख जाए तो लोगों को अचंभा सा लगता है। अक्सर देखा जाता है कि चांपा रेलवे स्टेशन के जीआरपी कार्यालय का दरवाजा आधा बंद रहता है लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि वहां कोई है भी या नहीं। जिसके चलते जीआरपी के कर्मचारी की मौज बनी रहती है। कभी कोई उच्च अधिकारियों का चांपा रेलवे स्टेशन में आगमन हो जाए तो आरपीएफ और जीआरपी के सभी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का अहसास दिलाते नजर आते हैं।

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