चांपा। भाजपा संगठन चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। वहीं जांजगीर क्षेत्र में चांपा नगर मंडल की आयोजित बैठक ने नई रणनीति को जन्म दे दिया है। जिस चुनाव को लेकर मंडल सहित नगर के लोगों की नजरंे टिकी हुई थी। उस संगठन चुनाव की बैठक नदी के उस पार दादी राणी सती मंदिर लछनपुर में होने से संगठन के लोगों सहित नगर के लोगों में खलबली मच गई। संगठन चुनाव को लेकर संगठन चुनाव प्रभारी बीते दिनों नगर पहुंचे थे जहां सह चुनाव प्रभारी, पर्यवेक्षक और वरिष्ठ लोगों के बीच रायशुमारी की गई। वहीं नगर के चार प्रमुख दावेदार प्रमोद कुर्रे, कृष्णा देवांगन, राजेन्द्र तिवारी, शिशुपाल सिंह राजपुत (लछनपुर), किशन यादव (बिरगहनी) संतोष थवाईत, मुकेश जायसवाल के नाम पर चर्चा रखी गई। वहीं शनिवार की सुबह संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक ने नगर मंडल में खलबली मचा दी। काफी समय बाद प्रदेश भाजपा संगठन की ओर से नया परिसीमन जारी किया गया। जिसके अंतर्गत जांजगीर मंडल व ग्रामीण मंडल में आने वाले 20 बुथों को चांपा नगर मंडल में जोड़ा गया। जिससे अब चांपा मंडल में बुथ की संख्या 53 पहुंच गई।
बैठक लछनपुर के दादी राणी सती मंदिर परिसर में आयोजित की गई। वहीं संगठन की बैठक में अपने ही समर्थकों को बुलाकर एवं नगर के वरिष्ठ सदस्यों और मोर्चा के अध्यक्षों की अनदेखी कर गुटबाजी देखी गई। जिसमें किसी एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की मंशा नजर आई। फिलहाल लोगों के बीच यह बैठक बहुत ही खास परिणाम ला सकता है। अब देखना यह है कि संगठन का झुकाव किसकी ओर अधिक जाता है?
क्या व्यक्तित्व विशेष पर आधारित होगा संगठन चुनाव या कुछ और??
आने वाले चुनाव को लेकर भाजपा संगठन भी कमर कस चुकी है। संगठन के पदाधिकारी सहित पार्टी प्रमुख, चुनाव प्रमुख, वरिष्ठ सदस्य सभी संगठन चुनाव को लेकर काफी सक्रिय है। वहीं नगर के लोगों के बीच यह चर्चा का विषय है कि किस व्यक्ति विशेष को संगठन नगर मंडल के लिए अपना सरदार बनाना चाह रही है। जिसके लिए संगठन के सक्रिय सात कार्यकर्ताओं को नामांकित किया गया है। नगर मंडल को उचित मार्गदर्शन देने और आने वाले चुनाव में भाजपा संगठन को सरताज बनाने किस व्यक्ति विशेष को मंडल अध्यक्ष बनाया जाएगा यह सोच का विषय है। जिन नामों को नगर के लोग पहचानते भी नहीं क्या उसे नगर मंडल का दायित्व दिया जाएगा या फिर लोगांे के बीच चर्चित चेहरे को संगठन में मौका मिलेगा? दबी जुबान से लोगों ने कहा मिलनसार व्यक्ति ही मंडल अध्यक्ष की मान बढ़ा सकता है। फिलहाल संगठन और उनके कार्यकर्ता ही नगर मंडल की बागडोर के दारोमदार है।