साइबर टीम की कार्रवाई पर उठे सवाल, सटोरिये से जप्त रकम की चर्चा तेज

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चांपा। पुलिस की साइबर टीम द्वारा गत दिवस सट्टे के खिलाफ की गई कार्रवाई की दो सटोरियों को पकड़े जाने में सफलता हासिल हुई है। इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ जुआ अधिनियम की धारा 5 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। इस दौरान पुलिस ने एक लाख रूपये नगद और दो मोबाइल फोन जप्त किए। अब नगर में साइबर टीम की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं कि टीम द्वारा जो नगद रकम की जप्ती दिखाई जा रही है वह वास्तविक रकम से काफी कम है। ऐसे में साइबर टीम की पूरी कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की साइबर टीम द्वारा गत दिवस शाम करीब 6 बजे विजय कसेर के घर में दबिश देकर उन्हें हिरासत में लिया गया। बताया जा रहा है कि टीम द्वारा उनके घर से 4 लाख रूपये नगद रकम जप्त किए गए, लेकिन जब अधिकारिक रूप से जप्ती बनाई गई तो उसमें केवल एक लाख रूपये ही दर्शाए गए। बताया जाता है कि इस कार्रवाई के बाद साइबर टीम द्वारा आरोपी को भालेराय मैदान ले जाया गया, जहां उनसे कड़ी पूछताछ की गई। इस दौरान साइबर टीम द्वारा उन पर यह दबाव बनाया गया कि वह किसी एक अन्य व्यक्ति का नाम बतावें। इस पर आरोपी द्वारा एक व्यक्ति का नाम लिया गया, लेकिन इसके पश्चात मामला और भी संदिग्ध हो गया। ऐसी चर्चा है कि आरोपी द्वारा लिए गए नाम के बड़े भाई के पास साइबर टीम का एक आरक्षक पहुंचा, जिसने आरोपी से हुई पूछताछ का वीडियो दिखाते हुए उन्हें धमकी दी कि यदि मामला दबाना है तो उन्हें पैसे देने होंगे।
इस तरह पुलिस की साइबर टीम की पूरी कार्यप्रणाली और नीयत पर सवाल खड़े हो गए हैं। नगर में लोगों के बीच यह जमकर चर्चा हो रही है कि आरोपी के घर से मिले 4 लाख रूपये का क्या हुआ? अगर टीम द्वारा वाकई यह राशि जप्त की गई थी तो सिर्फ एक लाख रूपये की जप्ती ही क्यों दिखाई गई। लोगों में इस बात की भी जमकर चर्चा है कि यदि 4 लाख रूपये जप्त हुए तो जप्ती एक लाख की कैसे हो गई? ऐसे में लोगों ने पुलिस प्रशासन के साइबर टीम की निष्पक्षता और ईमानदारी की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच से ही सच्चाई सामने आ सकेगी एवं दूध का दूध तथा पानी का पानी हो सकेगा।

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