तीर कमान (वासु सोनी) : साहब तो साहब है…कुछ भी बना सकते हैं…टिकट दलाल बनाम विभागीय दलाल…

0
127

तीर कमान (वासु सोनी)। अब ये क्या सुन लिया। साहब कन्फर्म टिकट मिल जायेगी क्या? मिल जाएगी, टिकट मूल्य छोड़कर इतना लगेगा! यह लाइन शायद टिकट दलाली करने वाले बोलते नजर आते हैं। लेकिन साहब तो साहब ठहरे…साहब भी बोलने लगे। कुछ दिन पहले की बात है रेलवे जोन के बिलासपुर स्टेशन में देश की राजधानी से साहब आ धमके…होना क्या था रंगे हाथ कुछ साहब भी धरे गए…सवालों की गोलियां ऐसी चली कि साहब धरातल में आ गए। फड़फड़ाने लगे लेकिन कुछ जवाब नहीं दे पाएं…रेलवे की बात है लीक ना होने पाए कि साहब ही दलाली करना शुरू कर दिए है। वो तो इन टे ली जेंस वाले हैं कुछ भी कर सकते हैं। मामला यहीं खतम नहीं होता भाई…कार्रवाई तो होगी…कई स्टेशनों में शिकायत भी हो गई…बड़े के लिए फेमस स्टेशन में भी शिकायत हुई…साफ सफाई वाला कम्प्यूटर चलाने लगा…और बना भी दिया…मैडम देखती रही…क्या बात है साहब तो साहब ठहरे…एक ने देख लिया फिर क्या…शिकायत पे शिकायत…जोन के साहब भी सकते में है कि बड़े वाले स्टेशन में छोटे छोटे कांड…कार्रवाई तो होगी…लेकिन कब.. जोन के साहब तो साहब ठहरे जानकारी ही नहीं…पता करते है कि धुन रिकार्ड कर अपना राग अलापते रहते हैं…छपने छापने वाले का क्या देख लिया या सुन लिया…कर दिए बजाना शुरू…म्यूजिक कम्पोज तो करना पड़ेगा…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here