अभयदान या वरदान? आखिर किसके संरक्षण में चल रहा नगर के खान पान का दुकान? आधीरात भी मिल जाएगा नगर के बीचों बीच खाना…

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वासु सोनी चांपा। पुलिस गाड़ी की सायरन की आवाज सुनते ही लोगों के जेहन में एक बात आती है कि चलो दुकान बंद करने का समय हो गया? लेकिन सायरन की आवाज सुनने के बाद भी अगर दुकान बंद ना हो तो अभयदान या वरदान की बात सामने आती है।
आपको बता दें कि चांपा नगर में रात 10 बजते ही सभी दुकानों में ताला बंद करने का काम शुरू हो जाता है। थोड़ी समय के बाद नगर के लगभग सभी दुकान बंद हो जाते है लेकिन लायंस चौक स्थित कंचन जूस एंड रेस्टोरेंट, केक वैली, बरपाली चौक के आगे कैफे स्टोरी नामक दुकान खुले देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे किसी विशेष व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त हो। कुछ नियमों की बात करें तो पुलिस विभाग द्वारा 10 बजते ही पूरे नगर का जायजा लिया जाता है कि कही दुकानें खुली तो नहीं है लेकिन उनकी नाक के नीचे ऐसी हरकते समझ से परे है। नगर में दबी जुबान से यह भी सुना जाता है कि नगर में संरक्षण प्राप्त दुकान बस खुली रह सकती है। बहरहाल आधीरात को खाना मिल जाए और क्या चाहिए? कुछ दिन पूर्व कंचन जूस एंड रेस्टोरेंट में रात के समय कुछ लोगों से झगड़े की स्थिति भी निर्मित हो गई थी। सूचना पर पुलिस तो पहुंची लेकिन दुकान बंद कर सभी चले गए थे। अब देखना यह है कि खबर प्रकाशन के बाद नगर के ऐसे कितने दुकानों पर कार्रवाई हो पाती है या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

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