वासु सोनी चांपा। हनुमान धारा पर्यटन स्थल पर निजी जमीन पर हो रहे प्लाटिंग को लेकर जिले का प्रशासनिक अमला हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। आखिर किस अधिकारी की शह पर यह खेल बदस्तूर जारी है। सबसे पहले स्लैग च्यूरी के नाम पर राखड का ऐसा खेल खेला गया जिसके लिए जिले के अधिकारी कर्मचारी सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। वहीं दूसरी ओर निजी जमीन पर करीब 50 हजार मिट्रिक टन राखड़ पट भी गया। अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा बिना जांच किए सिर्फ मौखिक सहमति पर ऐसे कितने जगहों पर स्लैग च्यूरी की जगह राखड़ पाट दिया गया लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ खेल खेला गया। चांपा नगर के कई स्थानों पर लाखों रूपए का खेल खेलकर अधिकारी कर्मचारी अपनी मौन सहमति लगातार पेश कर रहे है। वहीं जांच के नाम पर इनके पर पास कोई वैधानिक दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं है। निजी जमीन के गड़ढ़ों पर स्लैग च्यूरी के नाम पर राखड़ पटने की जानकारी होने के बाद भी नगर पालिका परिषद के अधिकारी-कर्मचारी सिर्फ यही राग अलापते रहे कि हमारे द्वारा सिर्फ एनओसी दिया गया है। अगर राखड़ पट रहा होगा तो एनओसी कैसिल हो जाएगा लेकिन नगर पालिका द्वारा दिए गए एनओसी के बाद भी निजी जमीन पर पूर्ण रूप से राखड़ पाट दिया गया, नपा के इंजीनियर को जानकारी होने के बाद भी एनओसी तो दूर किस स्थान पर राखड़ डाला जा रहा और कैसे डाला जा रहा उसकी भी जानकारी नहीं है। साथ ही नपा के अधिकारी कर्मचारी एक ही राग अलापते रहे कि यह मामला अनुविभागीय अधिकारी (रा.) कार्यालय का है वहां जाकर बताइए। आखिर राखड़ अधिकारी कर्मचारियों की मौन सहमति के साथ पाट दिया गया, अब देखना है यह है कि आधे अधूरे राखड पटने वाले स्थान पर प्लाटिंग किस प्रकार होने वाली है? क्या ऐसे स्थान की जांच जिले के उच्च अधिकारी कर पाते हैं या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?