
वासु सोनी चांपा। नगर पालिका परिषद चांपा में इन दिनों कर्मचारियों की मनमर्जी देखने लायक है। काम भी ऐसा करते है कि आवेदक को हंसी आ जाए। वहीं आवेदक को कर्मचारियों की शिक्षा पर भी शक होने लगता है। क्योंकि आवेदक द्वारा दिए गए आवेदन जो सूचना के अधिकार में मांगी गई है उसका जवाब अस्पष्ट दिया जा रहा है। अगर आवेदक के आवेदन का जवाब अंतिम समय में ही देना है तो अस्पष्ट ही होगा? क्योंकि नगर पालिक परिषद चांपा में कर्मचारियों के पास इतना काम है कि शनिवार, रविवार छुट्टी के बाद सोमवार अधिकारी मीटिंग में जाने के बाद सभी काम इतने रफ्तार से निपटाया जाता है कि दूसरे दिन यानी मंगलवार तक नगर पालिका के सारे बचे शेष कार्य खत्म हो जाते हैं। अब आवेदक को यह समझ नहीं आता कि इतने रफ्तार के बाद भी बुधवार को दोबारा कार्य शेष बच कैसे जाता है? जिसके कारण उन्हें आवेदन का जवाब देने में महीनों लग जाते है उस पर भी जवाब अस्पष्ट दर्शाया जाता है, या फिर आवेदक को भ्रमित करने का नया तरीका अख्तियार किया गया है, या फिर शिक्षा का अभाव झलक रहा है, आखिर वजह क्या है? वही आवेदक को एक आवेदन के लिए तीन सामान जवाब भेजा जाता है। दूसरी ओर 06 आवेदन में तीन का जवाब महीने बाद आता है लेकिन बाकी तीन का जवाब आता ही नहीं? नगर पालिका चांपा में काम इतना अधिक है कि कर्मचारी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी अधिक व्यस्त रहते हैं। जिसके कारण गलती होना लाजिमी नजर आता है? अब देखना यह है कि नगर पालिक के ऐसे उच्च शिक्षित कर्मचारियों पर कार्रवाई हो पाएगी या ये मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा। फिलहाल आवेदक ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कार्यालय में शिकायत कर नगर पालिका परिषद चांपा के नियमित, संविदा और रोजी मजदूरी करने वाले कर्मचारियों की शिक्षा संबंधी दस्तावेजों की मांग की है।

