जिले के अधिकारियों को नहीं खेल भावना से कोई सरोकार, क्या भालेराव मैदान को नुकसान पहुंचाने वाले पर हो पाएगी कार्रवाई…

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वासु सोनी चांपा। नगर के एकमात्र भालेराव मैदान को बर्बाद करने नगर सहित जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। एक ओर अचानक से दशहरा के पहले किसी व्यक्ति के द्वारा घासयुक्त भालेराव मैदान को रेतीनुमा मिट्टी से पाटकर अच्छे खासे खेल मैदान और लोगों के घुमने लायक मैदान को बर्बाद कर दिया। जिसकी जानकारी नगर के अधिकारी कर्मचारी को होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं दशहरा के दिन हुई बारिश से मैदान तरबतर हो गया। जिससे रेतीनुमा मिट्टी डले होने के कारण भालेराव मैदान कीचडयुक्त हो गया। जिसकी सुध लेना नगर के किसी अधिकारी कर्मचारी ने नहीं समझा। बल्कि दीपावली के पहले पटाखा बाजार लगाने के लिए भी पटाखा व्यापारियों को आदेश देते हुए शासन के खजाने को भरने कोई कसर नहीं छोड़ी गई। आज पर्यन्त नगर का खेल मैदान अपनी बदहाली की आंसू बहाने मजबूर है लेकिन उसकी सुध लेने वाला नगर में शायद ही कोई हो। नगर के अधिकारी कर्मचारियों को फुर्सत मिल जाए तो खेल और खिलाड़ी भावना को आहत पहुंचाने के बजाए भालेराव मैदान को संवारने कोशिश करें। फिलहाल मैदान अपनी बदहाली पर आंसू ही बहा रहा है।

क्रिकेट संघ स्वयं के खर्चे से संवार रहा भालेराव मैदान…जिले सहित नगर के शासकीय अधिकारी कर्मचारी खेल भावना को पहुंचा रहे आघात
वहीं क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए क्रिकेट संघ ने मैदान स्वयं के खर्च पर संवारने नगर पालिका परिषद चांपा के अधिकारी को आवेदन दिया है। जिस पर कुछ दिनों बाद होने वाले क्रिकेट प्रतियोगिता सीपीएल को लेकर खिलाड़ी स्वयं की मेहनत से भालेराव मैदान को संवारने प्रयास कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर शासन प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी मैदान को संवारने कोई पहल नहीं किया जा रहा है। जिससे यही प्रतीत होता है कि नगर सहित जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों को खेल भावना से कोई सरोकार नहीं है।
बहरहाल क्रिकेट खिलाडियों द्वारा स्वयं के रूपए खर्च कर भालेराव को दोबारा खेलने लायक बनाया जा रहा है। वहीं भालेराव मैदान को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ शासन प्रशासन कोई कार्रवाई कर पाता है या नहीं ये देखने वाली बात होगी।

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