एक रात में पट रहा लगभग 400 टन राखड़, नगर के एकमात्र पर्यटन स्थल को बर्बाद करने किसकी साजिश, आखिर अधिकारी कर्मचारी मौन क्यों?

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वासु सोनी चांपा। नगर में कई ऐसे कारनामे लगातार चल रहे है जिसमें नगर सहित जिले के अधिकारी आंख मूंद कर बैठे है। वहीं अवैध कारनामे की जानकारी होने के बाद भी मौन साधे रहना अधिकारी वर्ग का खास तरीका बन चुका है। अधिकारी और कर्मचारियों की मनमर्जी का कई उदाहरण लगातार समाचार में प्रकाशित होना सांठ गांठ सन्देह पूर्णता की ओर इशारा है।
आपको बता दें कि नगर में पर्यटन स्थल हनुमान धारा को बर्बाद करने के लिए रोजाना लगभग 40 ट्रक राखड़ पाटा जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि जब नगर में राखड़ पाटने की अनुमति नहीं मिलती तो किसकी अनुमति से राखड़ पाटा जा रहा है। रात 10 बजे के बाद नो एंट्री के खुलने के बाद लगभग 30 से 40 ट्रक राखड़ जांजगीर के किसी अग्रवाल ट्रांसपोर्टर के द्वारा गिराया जा रहा है। लेकिन किसी भी ट्रक ड्राइवर के पास पर्ची नहीं होती, ड्राइवर से पूछने पर वे कहते है कि सेठ जी से बात करो, लेकिन रात को सेठ जी फोन नहीं उठाते। वहीं ट्रक द्वारा राखड़ लाने पर पुलिस या यातायात विभाग के द्वारा रोकने सम्बंधित जानकारी पूछने पर सुपरवाइजर ने बताया कि सभी पहचान है ट्रक देखते ही जाने देते है। जिससे सांठ गांठ के बारे में सोचना आवश्यक हो जा रहा है।
आखिर जांजगीर का कौन है राखड़ का ठेकेदार?
हनुमान धारा पर्यटन स्थल को आधी रात के बाद राखड़ से पाटने का काम करने वाले ऊपर जिले के कितने अधिकारी कर्मचारी मेहरबान है ये सोच का विषय है, तो वहीं नगर के भी अधिकारियों की मिलीभगत का अंदेशा प्रतीत हो रहा है। जब नगर पालिका परिषद चांपा द्वारा राखड़ पाटने की अनुमति ही नहीं दी जाती तो ये राखड़ किसके कहने पर और नगर के किस अधिकारी की अनुमति पर पाटी जा रही है। फिलहाल रोजाना करीब 400 टन राखड़ हनुमान धारा में पाटा जा रहा है। जिस पर नगर सहित जिले के अधिकारी और कर्मचारी पूर्ण रूप से मेहरबान नजर आ रही है। अब देखना यह है कि किस ईमानदार अधिकारी को नजर इस पर पड़ती है? क्योंकि नगर के कई मामलों में समाचार प्रकाशित होने के बाद भी शायद ही किसी ईमानदार अधिकारी की नजर पड़ी हो।

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